07 August 2009

हिन्दी रायटिंग

dabbling with some writing in Hindi। I dunno how good/bad this is. Maybe you could read it and tell me.

दिन ... दिन जो आते हैं, आके बस यहीं से फिर चले जाते हैं।
रात ... रात जो आएगी, यह भी कुछ पलों में, फिर चली जायेगी।
मैं सवेरे की तलाश में हूँ।
एक नई सुबह की आस में हूँ।
लेकिन ... वो नई सुबह, इस अंधेरी रात के बाद ही आएगी।

पल ... यह हसीं पल, जो कभी आते हैं, यादों में बस जाते हैं।
कल ... यह अंजान कल, जो कुछ लाते हैं उसे हम जी जाते हैं।
मैं उस पल की तलाश में हूँ।
एक हसीं कल की आस में हूँ।
लेकिन ... वो सुनेरे कल, इस अंधेरे पल के बाद ही आते हैं।

Hopefully more words will follow in the days to come!

2 comments:

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...